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डॉ. रीना सिंह 

असिस्टेंट प्रोफ़ेसर, आर. के. तलरेजा महाविद्यालय, उल्हासनगर, जिला थाने, महाराष्ट्र

डॉ. रीना सिंह,  आर. के. तलरेजा महाविद्यालय, उल्हासनगर में सहायक प्राध्यापक  के रूप में कार्यरत हैं। वह मुंबई विश्वविद्यालय के बी. ए. प्रथम, द्वितीय व तृतीय वर्ष की परीक्षक एवं प्रश्नपत्र समिति की सदस्य भी हैं। उन्होंने अपना शोध कार्य ‘ मधु कांकरिया: संवेदना और शिल्प’ पर संपन्न किया है। उन्होंने ‘भक्ति साहित्य में विश्वबंधुत्व की भावना ‘पुस्तक का संपादन किया है।

 

उनके विभिन्न पुस्तकों व पत्र-पत्रिकाओं में लगभग 15 शोध आलेख प्रकाशित हो चुके हैं। वे पिछले 10 वर्षों से राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी के रूप में समाज सेवा के कार्यों से जुड़ी हुई हैं। उनके द्वारा विविध महाविद्यालयों द्वारा आयोजित महाविद्यालयीन व अंतर्महाविद्यालयीन प्रतियोगिताओं में निर्णायक की भूमिका  का निर्वाह  किया जा चुका है। उन्होंने अपने महाविद्यालय में लगातार अंतर्महाविद्यालयीन वाद - विवाद, आशु - भाषण, वक्तृत्व स्पर्धा, काव्य वाचन प्रतियोगिता तथा राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी, वेबीनार और कार्यशाला का आयोजन किया है। 

 

मुंबई विश्वविद्यालय द्वारा एम. ए. में सर्वोच्च स्थान प्राप्त करने हेतु उन्हें ‘स्वर्ण पदक’ के साथ-साथ निम्नलिखित पुरस्कार प्रदान किए गए हैं – 

महाराष्ट्र हिंदी परिषद, संयोजन समिति ‘मुंबई’ पुरस्कार, यूनिवर्सिटी हिंदी डिपार्टमेंट रजत जयंती पुरस्कार, सहयोग पुरस्कार, पंडित नरेंद्र शर्मा हिंदी अकैडमी पुरस्कार, 

 

आई एस एफ इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च एंड एजुकेशन की ओर से उनकी कहानी ‘न मनीष,  न मनीषा सिर्फ मनी‘  को सर्वश्रेष्ठ कहानी का पुरस्कार प्रदान किया गया है।

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